ज़ीरो माइल पटना

Author by : Sanjay Kundan

9789392017025

वाम प्रकाशन 2021

Language: Hindi

148 Pages

5.5 x 8.5 Inches

In Stock!

Price INR 250.0 Not Available

About the Book

ज़ीरो माइल एक ऐसी सीरीज़ है, जो हमारे चिर-परिचित शहरों को एक नयी नज़र से देखती है। इस सीरीज़ की हर किताब एक ऐसे जाने-माने लेखक की क़लम की देन है, जो उस शहर से गहरा लगाव रखते हैं, लेकिन शहर के विभिन्न पहलुओं का तटस्थ होकर विश्लेषण भी करते हैं। उन्होंने शहर के बाहर रहते हुए शहर को लेकर जो कुछ महसूस किया, उसे भी साझा किया है।


इसकी पहली कड़ी के रूप में पटना शहर पर यह किताब प्रस्तुत है। इसमें कवि-कथाकार संजय कुंदन ने शहर के बुनियादी चरित्र को पहचानने की कोशिश करते हुए इसके जनजीवन की एक झाँकी पेश की है। उन्होंने शहर में आ रहे बदलावों को रेखांकित किया है और इसकी कुछ स्थायी समस्याओं की चर्चा भी की है।


यह न तो शहर का इतिहास है, न संस्मरण, न ही समाजशास्त्रीय विवेचन, लेकिन इसमें इन तीनों की ताक़त और रोचकता समाहित है। ज़ीरो माइल पटना उस शहर को लिखा एक प्रेम पत्र है – और हर प्रेम पत्र की तरह इसमें प्यार भी है, शिकायत भी, दुलार भी है, अनबन भी।

Sanjay Kundan
1969 में पटना में जन्म। पटना विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एमए। कागज के प्रदेश में, चुप्पी का शोर, योजनाओं का शहर, तनी हुई रस्सी पर उनके कविता संग्रह हैं, जबकि बॉस की पार्टी, श्यामलाल का अकेलापन कहानी संग्रह और टूटने के बाद तथा तीन ताल उपन्यास। कुछ लघु और नुक्कड़ नाटकों का भी लेखन। आवर हिस्ट्री, देयर हिस्ट्री, हूज हिस्ट्री (रोमिला थापर), एनिमल फार्म (जॉर्ज ऑरवेल), लेटर्स ऑन सेज़ां (रिल्के), पैशन इंडिया (जेवियर मोरो) और वॉशिंगटन बुलेट्स (विजय प्रशाद) का हिंदी में अनुवाद। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार और हेमंत स्मृति सम्मान सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित। वाम प्रकाशन में संपादक।

See more by Sanjay Kundan

You May Like