वाम प्रकाशन 2021
Language: Hindi
140 Pages
120 Inches
About the Book
समाज के कमज़ोर व्यक्ति के संघर्ष का चित्रण करती मार्मिक कहानियाँ। क़ब्र की ज़मीन (जसिंता केरकेट्टा) में जब एक आदिवासी युवती के बच्चे के क्रिया-कर्म की बारी आती है, तो धर्म के ठेकेदार उठ खड़े होते हैं . . . गुलाबी राशन कार्ड (वन्दना शुक्ल) में ग़रीब आदिवासियों के एक गाँव में एक दिन घोषणा होती है कि उन सबको मकान दिया जायेगा। उनके सपने पंख फड़फड़ाने लगते हैं। लेकिन पता चलता है कि मकान बनाने की परियोजना पर रोक लग गयी है। उसके बाद जो होता है, उसे देख सत्ताधारियों के होश उड़ जाते हैं . . . कोयला चोर (नीरज नीर) में एक नौजवान अपनी पत्नी के कहने पर अन्य कई दोस्तों की तरह एक बेकार पड़े खदान से कोयला निकालकर उसे बेचने के अवैध धंधे में शामिल होता है, मगर . . . मीना बाज़ार (वैभव सिंह) एक अधेड़ सेल्समैन पर है, जो साड़ी के एक शोरूम में काम करता है। शोरूम के बूढ़े मालिक की मौत के बाद उसका लड़का सीसीटीवी कैमरा लगवा देता है। यह कैमरा, सेल्समैन की ज़िन्दगी में तूफान मचा देता है . . . ग्यारह उदीयमान कथाकार – जसिंता केरकेट्टा, कमलेश, वन्दना शुक्ल, नीरज नीर, वैभव सिंह, हरि मृदुल, यूसुफ किरमानी, आलोक कुमार मिश्रा, विजय कुमार तिवारी, डॉ. आयशा आरफ़ीन, राम नगीना मौर्य – जिनकी कहानियों का चयन किया है कवि, कथाकार, नाटककार और अनुवादक संजय कुंदन ने।