आगे और लड़ाई है

आपातकाल से वर्तमान तक

Author by : Prabir Purkayastha

9789392017339

Vaam Prakashan 2024

Language: Hindi

260 Pages

5.5 x 8.5 Inches

In Stock!

Price INR 450.0 Not Available

About the Book

25 सितम्बर, 1975 — नयी दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों ने छात्रसंघ की निर्वाचित काउंसलर अशोकलता जैन के निलंबन के ख़िलाफ़ हड़ताल का आह्वान किया था। उसके तीन महीने पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाने की घोषणा की थी। यह हड़ताल का दूसरा दिन था और कैंपस में तनाव का माहौल था। छात्रों के एक समूह के पास एक काली एम्बेसडर कार आकर रुकी, जिसमें से सादे कपड़े में कुछ पुलिसकर्मी उतरे और एक छात्र को उठा ले गए। वह छात्र अगले एक साल तक जेल में रहा।


9 फ़रवरी, 2021 — प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने एक ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल के संस्थापक के घर पर छापा मारा। छापेमारी पांच दिनों तक क़रीब 113 घंटे चली। न्यूज़ पोर्टल के दफ़्तर पर भी छापेमारी हुई।


3 अक्टूबर, 2023 — दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अधिकारियों ने न्यूज़ पोर्टल के संस्थापक और उनके साथी को ख़तरनाक ‘ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम’ (यूएपीए) के तहत हिरासत में लिया।


आगे और लड़ाई है प्रबीर पुरकायस्थ की कहानी है, जो आधी सदी के अंतर पर दो निरंकुश सरकारों द्वारा क़ैद किए गए। यह व्यंग्य-विनोद की शैली में कही गई एक युवा के राजनीतिक विकास की भी कहानी है, जिसमें पिछले दशकों के भारत के ज़रूरी सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों को समेटा गया है।

Prabir Purkayastha
Prabir Purkayastha is an engineer and a science activist in the power, telecom and software sectors. He is a founding member of the Delhi Science Forum. He is the author of Knowledge as Commons: Towards Inclusive Science and Technology (LeftWord 2023) and co-author, along with Vijay Prashad, of Enron Blowout: Corporate Capitalism and Theft of the Global Commons (LeftWord 2002), and along with Ninan Koshy, M.K. Bhadrakumar, of Uncle Sam’s Nuclear Cabin (LeftWord 2007). He is co-editor with Indranil and Richa Chintan of Political Journeys in Health: Essays by and for Amit Sengupta (LeftWord 2021). He is the founder of Newsclick.in.

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