9789392017858
वाम प्रकाशन 2025
Language: Hindi
165 Pages
5.5 x 8.5 Inches
Price INR 325.0 Price USD 18.0
कवि: मंगलेश डबराल | राजेश जोशी | विष्णु नागर | मनमोहन | असद ज़ैदी | मदन कश्यप | कुमार अंबुज | कात्यायनी | विमल कुमार | पवन करण | अरुण आदित्य | आर. चेतन क्रांति | बोधिसत्व | निधीश त्यागी | फ़रीद ख़ाँ | उमाशंकर चौधरी | पूनम वासम | कविता कादम्बरी | विहाग वैभव | अदनान कफ़ील दरवेश
इस संकलन में चार पीढ़ियों के चुनिंदा बीस कवियों की पचहत्तर कविताएं हैं, जो पिछले क़रीब पचीस वर्षों के दौरान लिखी गई हैं और इस शताब्दी की एक चौथाई के समय को दर्ज करती हैं। इस दृष्टि से ये इस दौर का एक दस्तावेज़ हैं।
ये कविताएं बताती हैं कि किस तरह सांप्रदायिक-फासीवादी ताक़तों ने भारतीय समाज और राजनीति को अपनी गिरफ़्त में ले लिया है और भारतीय राष्ट्र के बुनियादी चरित्र को बदलने पर आमादा हैं। ये बताती हैं कि समाज में कट्टरता और पाखंड का बोलबाला हो गया है और हिंसा को स्वीकृति मिल रही है जिसका ख़ामियाज़ा सबसे ज़्यादा अल्पसंख्यकों और कमज़ोर वर्ग को भुगतना पड़ रहा है।
लेकिन इसके साथ ही ये कविताएं इन ताक़तों के ख़िलाफ़ प्रतिरोध को भी व्यक्त करती हैं। कई कविताएं फासीवाद के विद्रूप को उजागर करती हैं और बताती हैं कि जनता नफ़रतियों की साज़िश को समझ रही है और उन्हें नकार भी रही है।