गहन है यह अंधकारा

21वीं सदी : 25 साल : 75 कविताएं

Edited by : Sanjay Kundan

9789392017858

Language: Hindi

165 Pages

5.5 x 8.5 Inches

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Price INR: 325.0 Price USD: 18.0

Book Club Price INR 130.0

About the Book

कवि: मंगलेश डबराल | राजेश जोशी | विष्णु नागर | मनमोहन | असद ज़ैदी | मदन कश्यप | कुमार अंबुज | कात्यायनी | विमल कुमार | पवन करण | अरुण आदित्य | आर. चेतन क्रांति | बोधिसत्व | निधीश त्यागी | फ़रीद ख़ाँ | उमाशंकर चौधरी | पूनम वासम | कविता कादम्बरी | विहाग वैभव | अदनान कफ़ील दरवेश


इस संकलन में चार पीढ़ियों के चुनिंदा बीस कवियों की पचहत्तर कविताएं हैं, जो पिछले क़रीब पचीस वर्षों के दौरान लिखी गई हैं और इस शताब्दी की एक चौथाई के समय को दर्ज करती हैं। इस दृष्टि से ये इस दौर का एक दस्तावेज़ हैं।


ये कविताएं बताती हैं कि किस तरह सांप्रदायिक-फासीवादी ताक़तों ने भारतीय समाज और राजनीति को अपनी गिरफ़्त में ले लिया है और भारतीय राष्ट्र के बुनियादी चरित्र को बदलने पर आमादा हैं। ये बताती हैं कि समाज में कट्टरता और पाखंड का बोलबाला हो गया है और हिंसा को स्वीकृति मिल रही है जिसका ख़ामियाज़ा सबसे ज़्यादा अल्पसंख्यकों और कमज़ोर वर्ग को भुगतना पड़ रहा है।


लेकिन इसके साथ ही ये कविताएं इन ताक़तों के ख़िलाफ़ प्रतिरोध को भी व्यक्त करती हैं। कई कविताएं फासीवाद के विद्रूप को उजागर करती हैं और बताती हैं कि जनता नफ़रतियों की साज़िश को समझ रही है और उन्हें नकार भी रही है।

Sanjay Kundan
1969 में पटना में जन्म। पटना विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एमए। कागज के प्रदेश में, चुप्पी का शोर, योजनाओं का शहर, तनी हुई रस्सी पर उनके कविता संग्रह हैं, जबकि बॉस की पार्टी, श्यामलाल का अकेलापन कहानी संग्रह और टूटने के बाद तथा तीन ताल उपन्यास। कुछ लघु और नुक्कड़ नाटकों का भी लेखन। आवर हिस्ट्री, देयर हिस्ट्री, हूज हिस्ट्री (रोमिला थापर), एनिमल फार्म (जॉर्ज ऑरवेल), लेटर्स ऑन सेज़ां (रिल्के), पैशन इंडिया (जेवियर मोरो) और वॉशिंगटन बुलेट्स (विजय प्रशाद) का हिंदी में अनुवाद। भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार और हेमंत स्मृति सम्मान सहित अनेक पुरस्कारों से सम्मानित। वाम प्रकाशन में संपादक।

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