इक दौर हमारा बाक़ी है

एजाज़ अहमद से विजय प्रशाद की बातचीत

Author by : Vijay Prashad , Aijaz Ahmad

Translated by : Yogender Dutt

9789392017148

वाम प्रकाशन 2023

Language: Hindi

144 Pages

5.5 x 8.5 Inches

In Stock!

Price INR 350.0 Not Available

About the Book

एजाज़ अहमद को पढ़ना आज के भारत को समझने के लिए बेहद ज़रूरी है। वह भारतीय राजनीति में धुर दक्षिणपंथ के उभार और वर्तमान शासकवर्ग के चरित्र को समझने का सूत्र देते हैं। उन्होंने 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद ही हिंदुत्व के उदय और समाज में उसके बढ़ते वर्चस्व की व्याख्या करते हुए स्पष्ट किया था किस तरह निजीकरण के एजेंडे ने दक्षिणपंथ के लिए ज़मीन तैयार की। उन्होंने संकेत किया था कि भारत में लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं के ज़रिये ही फ़ासीवादी ताक़तें सत्ता पर पकड़ मज़बूत करेंगी और उदारवादी समझे जाने वाले दल इसमें उनके मददगार साबित होंगे।


एजाज़ अहमद बताते हैं कि विश्व स्तर पर पूंजीवाद ने कितने रंग बदले हैं और उसकी नव उदारवादी परियोजना के तहत किस तरह चालाकी से जनता को उसके बुनियादी अधिकारों से दूर किया गया है। पर वह उम्मीद नहीं छोड़ते। वह बताते हैं कि मेहनतकश वर्ग की गोलबंदी और मूलभूत सवालों पर निरंतर संघर्ष से हालात बदलेंगे।


1941 में मुज़फ़्फ़रनगर में पैदा हुए एजाज़ अहमद दुनिया के सबसे महत्त्वपूर्ण मार्क्सवादी चिंतकों में एक माने जाते हैं। इन थ्योरी: क्लासेज़, नेशन्स, लिटरेचर्स; लीनिएजेज़ ऑफ दि प्रेजेंट; इराक, अफ़ग़ानिस्तान एंड द इंपीरियलिज्म ऑफ अवर टाइम जैसी अनेक किताबों के अलावा उन्होंने दुनिया भर की पत्र-पत्रिकाओं में कई लेख लिखे। उन्होंने भारत, कनाडा और अमेरिका के विश्वविद्यालयों में पढ़ाया, साथ ही फिलीपींस से मैक्सिको तक व्याख्यान दिए।


जाने-माने पत्रकार और इतिहासकार विजय प्रशाद ने अनेक किताबें लिखी और संपादित की हैं। वह वर्तमान में ट्राइकॉन्टिनेंटल: इंस्टीट्यूट फॉर सोशल रिसर्च के कार्यकारी निदेशक और लेफ़्टवर्ड बुक्स के संपादक हैं।

Vijay Prashad
Vijay Prashad is director of Tricontinental: Institute for Social Research, editor at LeftWord Books, and chief correspondent for Globetrotter. He is the author of forty books, including Untouchable Freedom: A Social History of a Dalit Community, Washington Bullets, Red Star Over the Third World, The Darker Nations: A People’s History of the Third World and The Poorer Nations: A Possible History of the Global South. The Darker Nations won the Muzaffar Ahmad Book Prize. He lives in Santiago, Chile.

See more by Vijay Prashad

Aijaz Ahmad
Aijaz Ahmad (1941-2022) was one of India's best-known Marxist scholars. His best-known books include In Theory: Classes, Nations, Literatures (1992), Lineages of the Present: Ideological and Political Genealogies of Contemporary South Asia (1996), and, from LeftWord Books, Nothing Human is Alien to Me: Aijaz Ahmad in conversation with Vijay Prashad (2020), Iraq, Afghanistan and the Imperialism of Our Time (2004).

See more by Aijaz Ahmad

You May Like