To access account and manage orders
Or login with OTP
Don’t you have an account? Sign Up
Register you account
Or
Already have an account? Sign In
By creating an account you agree with our Terms of Service, Privacy Policy.
Enter Email Address or Mobile Number to receive a One Time Password (OTP) for verification.
Back to Sign In
We have send you a One Time Password(OTP) on this email address/mobile number
OTP Not received? Resend OTP
Enter your email and click on the confirm button to reset your password. We'll send you an email detailing the steps to complete the procedure.
Enter your Email/Mobile number and click the Submit button to receive an OTP. We'll send you an Email with the steps to complete the procedure.
We have sent the verification code to your email address.If you haven't received it, please check your spam folder.
- At least 8 characters
- At least one lowercase letter
- At least one uppercase letter
- At least one number
- At least one special character
Your password is strong!
We have sent the verification code to your mobile number
Deepak Kumar
Translated by : Ganpat Teli
Language: English
212 Pages
5.5 x 8.5 Inches
In Stock!
Price INR: 595.0 Not Available
Book Club Price INR 446.25
Join Book Club
भारत के उपनिवेशीकरण में पश्चिमी वैज्ञानिक विमर्श ने अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया। पादपों, प्राणियों, खनिजों आदि के अध्ययन को शुरुआती औपनिवेशिक दिनों में प्राकृतिक इतिहास के रूप में जाना जाता था और अठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में यूरोपीय शल्य चिकित्सकों, वनस्पति शास्त्रियों, सेना के इंजीनियरों और मिशनरियों द्वारा भारत में प्रारंभ किया गया था। अगले दो सौ वर्षों में विज्ञान भारतीय आधुनिकता और राष्ट्र-राज्य की नींव बन गया। उपनिवेशवाद ने रेलवे और बाद में बिजली जैसी प्रौद्योगिकियों की शुरुआत में भी मदद की। धीरे-धीरे शिक्षित भारतीयों ने भारतीय संस्कृति के भीतर आधुनिक वैज्ञानिक विचारों और सिद्धांतों को खोजने की कोशिश की और देश के आर्थिक उत्थान के लिए उन्नीसवीं सदी के अंत तक उन्हें अपना लिया। इस छोटी सी पुस्तक में हमारी विरासत और बीसवीं सदी के अंत तक भारतीय संदर्भ में विज्ञान, समाज और सरकार के अंतरफलक का उपयोगी परिचय पा सकते हैं।
दीपक कुमार ने एक शोधकर्ता और शिक्षक दोनों के रूप में लगभग पांच दशकों तक विज्ञान के इतिहास, प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और चिकित्साशास्त्र के विषयों को सामान्य भाषा में प्रस्तुत करते हुए इन्हें लोकप्रिय बनाया है। वे अपनी पुस्तकों ‘विज्ञान और भारत में अंग्रेजी राज ‘ (ग्रंथशिल्पी, 1998), ‘प्रौद्योगिकी और अंग्रेजी राज‘ (ग्रंथशिल्पी, 2000), ‘आतम खबर: संस्कृति, समाज और हम‘ (आकार बुक्स, 2022), (सं.) ‘टेक्नोलोजी एंड द राज‘ (आकार बुक्स, 2022), ‘साइंस एंड सोसाइटी इन मॉडर्न इंडिया‘ (कैंब्रिज, 2023), ‘कल्चर ऑफ साइंस एंड द मेकिंग ऑफ मॉडर्न इंडिया‘ (प्राइमस बुक्स, 2023) के लिए जाने जाते हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने चिकित्सा – शास्त्र के इतिहास, पर्यावरण के इतिहास और शिक्षा के इतिहास पर कुछ पुस्तकों का भी सह-संपादन किया है। वे कलकत्ता के ‘सोसाइटी फॉर द हिस्ट्री ऑफ साइंस’ के सह-संस्थापक अध्यक्ष हैं और उन्हें हैदराबाद के ‘मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी’ में मानद प्रोफेसर का पद प्राप्त है।
गणपत तेली ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली से भाषा विवाद की राजनीति और इतिहास पर शोध किया है। ‘राष्ट्रवाद, संचार माध्यम और भाषा‘ पुस्तक के अलावा इनके कई लेख और अनुवाद प्रकाशित हुए हैं। फिलहाल जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली में हिंदी अध्यापन कर रहे हैं।
See more by Deepak Kumar
See more by Ganpat Teli
HISTORY
Aakar Books
LeftWord Books
Navayana
Tulika Books
ABS PUBLISHERS
Profile Books
L G PUBLISHERS DISTRIBUTORS
L.G. Publishers Distributors
Context
Select Books & Aakar Books
LG Publishers Distributors
Vaam Prakashan
वाम प्रकाशन
Orient BlackSwan
Zubaan
Women Unlimited
Lokbharti Prakashan